40 साल से कम उम्र के पुरुषों में स्ट्रोक के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. पिछले दो दशकों में पुरुषों में स्ट्रोक के मामलों में लगभग 25% की वृद्धि देखी गई है.
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स्ट्रोक को लेकर अब तक एक आम धारणा रही है कि यह केवल बुजुर्गों की बीमारी है. लेकिन हाल के शोध और आंकड़ों ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है. 40 साल से कम उम्र के पुरुषों में स्ट्रोक के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. जहां पिछले दो दशकों में पुरुषों में स्ट्रोक के मामलों में लगभग 25% की वृद्धि देखी गई है, वहीं महिलाओं में यह वृद्धि केवल 1% रही है.
स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग में खून की आपूर्ति में रुकावट आ जाती है, जिससे दिमाग की सेल्स मरने लगती हैं. यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है: इस्केमिक स्ट्रोक और हेमोरेजिक स्ट्रोक.
इस्केमिक स्ट्रोक: जब खून की नसें ब्लॉकेज के कारण बंद हो जाती हैं.
हेमोरेजिक स्ट्रोक: जब दिमाग में खून की नली फट जाती है.
यह समस्या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और खराब जीवनशैली से जुड़ी होती है.
क्या है वजह?
* जंक फूड का सेवन: ज्यादा फैट और शुगर से भरपूर भोजन से ब्लड वेसल्स में प्लाक जमा होने लगता है.
* ज्यादा शराब पीना: शराब ब्लड प्रेशर बढ़ाती है और खून को गाढ़ा बनाती है.
* तनाव और खराब लाइफस्टाइल: आज की तेज-तर्रार जिंदगी में तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी स्ट्रोक का बड़ा कारण बन गई है.
* धूम्रपान: यह खून की नलिकाओं को कमजोर बनाता है और ब्लड क्लॉट्स का खतरा बढ़ाता है.
किन संकेतों को न करें नजरअंदाज?
F (Face): चेहरा अचानक एक तरफ झुक जाए.
A (Arms): दोनों बाहें उठाने में परेशानी हो.
S (Speech): बोलने में अटकन या आवाज साफ न हो.
T (Time): समय बर्बाद न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
कैसे करें बचाव?
फलों, सब्जियों और फाइबर से भरपूर भोजन करें.
शराब और सिगरेट से बचें.
नियमित व्यायाम करें. रोजाना 30 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें.
तनाव कम करें. योग, मेडिटेशन और अच्छी नींद को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.
डॉक्टर से नियमित चेकअप कराएं.
अलार्मिंग केस
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, 29 वर्षीय लुईस क्लास्बी पूरी तरह फिट और हेल्दी थे, लेकिन अचानक स्ट्रोक का शिकार हो गए. लक्षणों को नजरअंदाज करना उनके लिए घातक साबित हो सकता था. लेकिन समय पर इलाज से उनकी जान बच गई. यह घटना हमें यह समझने का संदेश देती है कि स्ट्रोक किसी भी उम्र में हो सकता है. इसलिए शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव लाएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.